बिहार में शराबबन्दी पर उबले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी
बिहार में शराबबन्दी पर उबले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी
कम मात्रा में शराब पीना है, सेहत के लिए बेहद फायदेमंद
पटना (बिहार) : शराबबन्दी पर, बीते कई महीनों से हमलावर रहे बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बिहार में शराबबंदी को लेकर एक बार फिर से, नीतीश सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा होनी चाहिए। जीतन राम मांझी ने कहा कि शराबबंदी को लेकर शुरू से ही हमारा नीतीश कुमार से मतभेद रहा है। जीतन राम मांझी ने ये भी कहा कि हमने शुरू से कहा है कि अगर दवा के रूप में, कम मात्रा में शराब का सेवन किया जाए तो, वह हानिकारक नहीं बल्कि काफी फायदेमंद ही है। आज शराबबंदी को सफल बनाने के लिए पुलिस और प्रशासन जरूरत से ज्यादा तत्पर है। किसी भी चीज की अति बेहद खराब होती है। जाहिर तौर पर, बिहार में शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार घेरे में आ गई है। गौरतलब है कि इस बार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तल्ख लहजे में, नीतीश कुमार के फैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार को शराबबंदी के फैसले पर एक बार फिर से समीक्षा करनी चाहिए. बता दें कि शराबबंदी को लेकर जीतन राम मांझी इससे पहले भी कई बार सवाल उठा चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री श्री मांझी ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा होनी चाहिए। शराबबंदी को लेकर शुरू से ही हमारा नीतीश कुमार से मतभेद रहा है।
जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि हमने शुरुआती दौर से ही कहा है कि शराबबंदी कानून से जिस पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है वो गरीब तबके के लोग हैं, या जो छोटे-छोटे कारोबार करते हैं लेकिन जो बड़े खिलाड़ी हैं, वे पकड़ के बाहर रहते हैं। ऐसे में मेरी अपील है कि छोटी मछली को नहीं बल्कि बड़ी मछली को पकड़े। जीतन राम मांझी ने ये भी कहा कि हमने शुरू से कहा है कि अगर दवा के रूप में शराब का सेवन किया जाए तो, वो हानिकारक नहीं बल्कि फायदेमंद है। गरीब लोग काम कर के थके-हारे घर जाते हैं और एक पाँव, या आधी लीटर पीकर सो जाते हैं। उन्होंने कहा कि शराब का सेवन रोकना है, तो लोगों में जागरूकता फैलाए। जब तक जागरूकता नहीं फैलेगी, तब तक शराबबंदी सफल नहीं हो सकता है। कानून कितना भी बना लीजिए, चाहे जितनी भी कड़ाई कर लीजिये लेकिन जो लोग शराब के आदी हो चुके हैं और जो लोग यह सोच कर बैठे है कि वो तो शराब पीएंगे ही, चाहे कुछ भी कर लीजिए, तो वे पीकर ही रहेंगे। जीतन राम मांझी ने कहा कि गुजरात में भी तो शराबबंदी है लेकिन उनके अपने नियम कानून हैं। इसलिए, उनकी अपील और आग्रह है कि नीतीश कुमार बिहार में शराबबंदी कानून पर, फिर से गहरी समीक्षा करें। पुलिस शराब के पीछे ही लगी हुई है लेकिन कई और काम है, जिससे पुलिस भटक गयी है। शराबबंदी को ही, राज्य की प्राथमिकता बना देना जरूरी नहीं है। हमें केंद्र से या अन्य माध्यमों से, ज्यादा से ज्यादा मदद लेकर बिहार के विकास पर ध्यान देना चाहिए। मांझी के इस बयान ने बिहार के पूरे सियासी पारा को बढ़ा दिया है।
मुकेश कुमार सिंह